शिव मन्त्र का जप जीवन में स्थिरता प्रदान करता है और सभी दुश्मनों को रास्ते से हटा देता है . शिव मन्त्र आत्म – शुद्धि भी करता है. शिव मन्त्र भक्तों को सभी खतरों , शत्रुओं और बीमारियों से बचाता है इसलिए इसे रक्षा कवच मन्त्र भी कहा जाता है . चतुर्दशी पर शिव मन्त्र का जप बहुत शुभ माना जाता है और इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है . शिव मन्त्र का नियमित रूप से जप करने से जीवन में सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है और ये मन्त्र समृद्धि को आकर्षित करता है .
आप इन मन्त्रों में से किसी भी मन्त्र का श्रद्धापूर्वक नियमित रूप से जप कीजिये . भगवान शिव आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करेंगे.
शिव मन्त्र ( पंचाक्षरी )
ॐ नमः शिवाय
रूद्र मन्त्र
ॐ नमो भगवते रूद्राय ।
शिव गायत्री मन्त्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात ।
शिव ध्यान मन्त्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
महामृत्युंजय मन्त्र
ॐ ह्रौं जूं सः भूर्भुवः स्वः त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम् । उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् भूर्भुवः स्वरों जूं सः ह्रौं ॐ ।।
मृत्युंजय मन्त्र
ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम्, उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ।
एकाक्षर मृत्युंजय मन्त्र
ह्रौं |
त्र्यक्षर मृत्युंजय मन्त्र
ॐ जूं सः |
चतुराक्षर मृत्युंजय मन्त्र
ॐ ह्रौं जूं सः |
नवाक्षर मृत्युंजय मन्त्र
ॐ जूं सः “पालय-पालय” |
शिव यजुर मन्त्र ( महादेव मन्त्र )
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् |
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानि सहितं नमामि ||
भगवान शिव जी के कुछ और मन्त्र जो बहुत लाभकारी हैं –
* ऊर्ध्व भू फट् ।
* नमः शिवाय ।
* ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
* ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
* इं क्षं मं औं अं ।
* प्रौं ह्रीं ठः ।
* नमो नीलकण्ठाय ।
* ॐ पार्वतीपतये नमः ।
* नमः शिवाय ।
* ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
* ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
* इं क्षं मं औं अं ।
* प्रौं ह्रीं ठः ।
* नमो नीलकण्ठाय ।
* ॐ पार्वतीपतये नमः ।